पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय खंड 1.djvu/४९६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

मिले कही वह पडा अचानक उसको भी न लुटा देना, देख तुझे भी दूगा तेरा भाग, 7 उसे भुला देना। थाना ॥५॥