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पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय खंड 3.djvu/२९९

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शैला उस फुसफुसाहट को सुनने के लिए वहां ठहरी न थी। आगे बढकर कृष्णमोहन ने नमस्कार करके कहा-आइए न । शैला कृष्णमोहन का अनुरोध न टाल सकी। मोटर के प्रकाश मे उसका प्यारा मुख अधिक आग्रहपूर्ण और विनीत दिखाई पडा । शैला ने मधुबन से कहा--मधुबन, कल छावनी पर अवश्य आना। कृष्णमोहन के साथ शैला मोटर पर बैठ गई। तितली २७१