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पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय रचनावली खंड 2.djvu/१७

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सज्जन 'इन्दु' संवत् १९६७ फाल्गुन-ज्येष्ठ के सयुक्ताक (किरण ८-११) मे इस नाटक का सर्वप्रथम प्रकाशन हुआ। अनन्तर मार्जित होकर 'चित्राधार' मे यह सकलित हुआ । जहाँ पाठान्तर है वहाँ 'इन्दु' के पाठ पाद टिप्पणियो में दर्शित है।