पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय रचनावली खंड 5.djvu/२४८

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सभ्यता की छाप मान लेने में कोई बाधा नहीं देखी। इसके और भी कारण हैं। Dr. Hugo Winkler ने मैत्रायणों (Mittanians) के एक शिलालेख का उद्धार किया है। उसका समय ईसा पूर्व १४वी शताब्दी अनुमान किया जाता है। वह शिलालेख एशिया माइनर, वर्तमान अंगोरा के समीप Bogarkoi मे इंद्र, वरुण, नासत्य आदि आर्य नामों को अपनी छाती मे छिपाये पड़ा था। यही तक नही, इन मंत्रायणों की ही सहकारी एक और जाति हिटाइट (Hittite) थी, जिसने अपनी शूरता से प्राचीन सुमेरिया और बैबिलोनिया के असुर राजाओं को विकपित कर दिया था। 'Story of Assyria' मे Ragozin लिखो है कि- "चल्डिया और असीरिया के शिलालेखों मे हिटाइट लोगो का नाम 'खत्ती' लिखा है। इमभे संदेह नही कि यह उल्लेख मेसोपोटामिया मे हिाइट लोगो के प्राथमिक आक्रमण का प्रमाण है।" इसी का समर्थन 'Myth of Babylonia' के लेख मे देखिए - "स्पेरो जैसे प्रामाणिक लोगो की भी सम्मति है जि हदि गा हिटाइट तोगो का जो उलेख बैविलोनिया की 'वुक जॉफ ओमेनस' नाम की प्राचीन पुस्तक मे है, वह अक्काद (Chaldia) के प्रथम सार्गन के भी पहले का है।" आगे चलकर उमी लेखक ने लिया है -"विकलर विश्वाग करते है कि मित्तानी (मैत्रायण) राज्य हट्टी लोगो की पहली लहर के द्वारा स्थापित किया गया था जो पूर्व से आये थे।' इन रिटाइट क्षत्रियो के उपास्यदेवता थे शतक्रतु (sutekh) और ताय (Torku)। तार्य गरट का वैदिक नाय है।" इन पाश्चात्य विद्वाना के ही विचार गे ये मंत्रायण और खत्ती एक ही जाति के थे। 'ओल्ड टेस्टामेण्ट' में जाति निमाग के अनुगार भी ये लोग सेमेटिक नही थे। 8. As 'Khatti' is the name invariably given to the Hittites in the chaldean and Assyrian inscriptions, there can be no doubt that this is a record of an early Hittite invasion in Mesopo- tamia-(p. 34, The story of Assyrii). P. Some authorities including Maspero are or opinion that the inclusions of the flatti which is found in the Babylonian Book of Omens belong to the carlier age of Surgon of Accad- (p. 264, Myk hs of Babylonia). 3. Winkler believes that Mittani kingdom was first established by early waves of Hattı people who migrated from east (p 268, myths of Babylonia). १४८: प्रसाद वाङ्मय