पृष्ठ:प्रसाद वाङ्मय रचनावली खंड 5.djvu/४९

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तथागतगुप्त परमादित्य ? (ई० ४९४-५१०) जोत एलन के मतानुसार यहाँ घटोत्कच का नाम होना चाहिए। परन्तु वेन्त्साग ने लिखा है कि यशोधर्म के साथ मिहिर कुल को हराने वाले बालादित्य के पिता 'का नाम तथागतगुप्त था। इससे हम भानुगुप्त के पिता का नाम तथागत गुप्त ही मानने को बाध्य होते है भानुगुप्त बालादित्य (ई० ५१०-५३४) जब हूणों से मालव का उद्धार यशोधर्म देव ने किया उसी समय मगध को इमी बालादित्य ने बचाया। इसी की ओर से एरिकिण में गोपराज ने युद्ध किया । सारनाथ में इसी का लेख मिला है--'तद्वंश मंभवो बालादित्यो नपः प्रीत्य प्रकटादित्ये।' No. 79, Plate XY IIIC वज्रगुप्त प्रकटादित्य (ई० ५३४-५४०) प्रकटादित्य वज्रगुप्त की उपाधि है इसी वज्रगुप्त के समय में मालव के शीलादित्य ने मगध छीन लिया तब से गुप्त वंश का प्राधान्य लुप्त हुआ। स्कन्दगुप्त विक्रमादित्य-परिचय : ४९