पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/५१

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पाठ ११ वायु तुम पिछले पाठ में पढ़ चुके हो कि हमारे चारों ओर और ऊपर आकाश है और आकाश में वायु भरी हुई है। अब हम तुमको यह बतलावेंगे कि वायु क्या वस्तु है और क्या उसमें दूसरी वस्तुएँ मिली हुई हैं । कभी २ ऐसा होता है कि जब तुम्हारे घर में आग में लाल मिर्च पड़ जाती है तो तुमको बड़ी खांसी आती है । परन्तु तुम उस खांसी पैदा करनेवाली वस्तु को वायु में नहीं देख सकते । इसी प्रकार की बहुत सी वस्तुएँ कभी २ हवा में मिल जाती हैं और हम वायु में सुगन्ध या दुर्गन्ध मालूम करते हैं । इन वस्तुओं के अलावा और कई प्रकार की वस्तुएँ भी वायु में मिली हुई हैं जिनमें न सु- गन्ध है न दुर्गन्ध । अब मैं तुमको यह बतलाता हूं कि वायु में कौन २ सी वस्तुएँ मिली हुई हैं । तुम एक शीशे का गिलास लो और उसको पानी में उल्टा रख दो और देखो कि पानी उसमें भरता है या नहीं । पानी गिलास में बिल्कुल नहीं चढ़ता है । इसका क्या कारण है ? इसका केवल यही - Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri