पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/५८

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(५०) रक्खो, इस कीप में होकर हाइड्रोजन निकलती है । इसके ऊपर तुम जलती हुई दियासलाई दिखलाओ। कीप से 'लौ' निकलने लगेगी। अब यदि तुम एक चीनी का प्याला उसके ऊपर लायो तो तुम को मालूम होगा कि उसके पैंदे पर पानी की बूंदें इकट्ठी होती जाती हैं। इसका क्या कारण है ? इसका यही कारण है कि हाइड्रोजन जली और जलने से वायु की औक्सिजन के साथ मिल गई और इस प्रकार पानी के रूप में प्याले के पेंदे पर इकट्ठी हो गई। अब तुम एक कटोरे में पानी डाल कर उसको खब गरम करो । ख़ब गरम होने से पानी उबलने लगेगा और उबलकर भाप बन कर उड़ने लगेगा। यह पानी कहाँ जाता है ? यह पानी भाप के रूप में हवा में रहता है । बर्फ को कुछ गर्म करो तो वह पानी बन जावेगी और यदि पानी को अधिक गर्म करो तो वह भाष बन जावेगा। यह तीनों अवस्थाएँ अर्थात् बर्फ, पानी, और भाप एक ही पदार्थ की हैं, यह पदार्थ पानी है। या हम यह कह सकते हैं कि यदि हम भाप को ठंडा करें तो वह पानी बन जावेगी, और पानी को अधिक ठंडा करें तो वह बर्फ बन जावेगा। अब तुम यह बात भली भाँति समझ गये होगे कि पानी क्या वस्तु है और वह किनरअवस्थाओं में दिखलाई देता है । यदि तुम Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri