सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/६७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

(५६) तुमको नापने में तीन बातों पर ध्यान देना चाहिये । १. नापते समय पटरी को खड़ा रक्खो । २. नापते समय अपनी आंख ठीक उस चिह्न की सीध में रक्खो जिसको तुम नाप रहे हो । ३. पटरी के किनारे बहुधा घिस जाया करते हैं, इसलिये सिरे से एक इंच या सेन्टीमीटर छोड़ कर नापो । गोलाकार पदार्थों के नापने में अधिक ध्यान की आवश्यकता है । जब तुम किसी गोलपदार्थ को नापो तो ऐसा करो कि उसके चारों ओर एक डोग तीन या चार बार लपेट दो और उस पर स्याही से चिह्न लगा दो। ऐसा करके जब तुम डोरे को अलग करोगे तो उसमें तीन या चार स्थानों पर तुमको स्याही के चिह्न देख पड़ेंगे । इन चिह्नों के बीच की लम्बाईयों को नाप लो और जितनी लम्बाइयाँ तुम नापो उतने ही का उनके योगफल में भाग दे दो । बस तुमको उस घेरे की ठीक २ लम्बाई ज्ञात हो जावेगी । अब तुम गाजर, मूली, लौकी इत्यादि पदार्थों की गोलाई व लम्बाई नापो और उनको अपनी नोटबुक में लिखो। Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri