सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/८३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।
(७५)

समय में भी आटा पीसने की कलें पानी ही की सहायता से चलती हैं। इन कलों को पनचक्कियां कहते हैं। बिजली भी पहाड़ी स्थानों में बहुधा जलयंत्रों द्वारा ही प्राप्त करते हैं। परन्तु अब वायु की सहायता से चलनेवाली कलें भारतवर्ष में दिखलाई नहीं देती हैं।


चित्र सं॰ ३८

इस चित्र में वायु की सहायता से चलनेवाला एक यंत्र दिखलाया गया है। यह बहुधा कुओं से पानी निकालने में काम आता था और इसकी सहायता से मनुष्य अपने और कार्य भी करते थे।

यह जल की सहायता से चलनेवाले एक यंत्र का चित्र है।

जल की सहायता से यह पहिया घूमता है, और यंत्र चलता है।