पृष्ठ:प्राकृतिक विज्ञान की दूसरी पुस्तक.djvu/८४

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पाठ २४ सोते बालको ! मिट्टी कई प्रकार की होती है । परन्तु हम तुमको केवल तीन प्रकार की मिट्टी के विषय में बतला- वेंगे । एक प्रकार की मिट्टी रेत कहलाती है । जमना नदी की तरेटी में यह मिट्टी बहुत पाई जाती है। यह मोटी होती है, और देखने में पत्थर का सा चूरा मालूम होती है । चना भूननेवाले भी इसी मिट्टी को काम में लाते हैं। दूसरी प्रकार की मिट्टी कुछ चिकनी और कुछ रेत मिली हुई होती है । यह बहुधा सब स्थानों में पाई जाती है । इसी मिट्टी को मनुष्य मकान में लगवाते हैं। तीसरी प्रकार की मिट्टी बिल्कुल चिकनी होती है। यह मिट्टी दूसरी मिट्टी के समान बहुतायत में नहीं पाई जाती है । यह बहुधा पृथ्वी के खोदने पर नीचे तहों में लगी हुई मालूम होती है । मिट्टी की यह तह पहिली दोनों प्रकार की मिट्टियों की तहों के नीचे होती है। अब तुम तीनों प्रकार की मिट्टियों को अलग अलग किसी बर्तन में रक्खो और प्रत्येक में कुछ २ बूदें पानी Courtesy Dr. Ranjit Bhargava, Desc. Naval Kishore. Digitized by eGangotri