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ओरङ्गंजी का मन्दिर

उल्लेख मत्स्य और पद्मपुराण, श्रीमद्भागवत, और वाल्मीकि- रामायण तक में पाया जाता है। बलराम की तीर्थयात्रा के करण मे श्रीमद्भागवत में लिखा है कि सप्तगोदावरी, पम्पा, श्रीशैल आदि के दर्शन करके बलरामजी काञ्चो और श्रीराम के मन्दिर की यात्रा भी करने गये थे——

कामकोष्णी पुरी काञ्चोकावेरीञ्च सरिद्वराम ।
श्रीरङ्गाख्यं महापुण्यं यत्र सन्निहितो हरिः ।।

[फरवरी १६१३


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