हैं; एक आध लेख भी पाये गये हैं। इसलिए कोलम्बस के पहले नारवेजियन लोगो का अमेरिका जाना निर्विवाद है।
अमेरिका के प्राचीन निवासी प्रायः असभ्य और जङ्गली हैं। परन्तु पेरू के आदिम निवासी वैसे नहीं। वहाँ सभ्यता का प्रचार बहुत पुराने समय से है। १५८७ ईसवी में, जब पहले-पहल स्पेनवाले पेरू मे पहुंचे तब उन्होंने वहाँ ह्वेना कपक नामक राजा को राज्य करते पाया। वह अपने वंश का बारहवाँ राजा था। उसकी राजधानी कज़को नगर में थी। उस समय पेरू में सभ्यता का बहुत कुछ प्रचार था। प्रजा से कर लिया जाता था, न्यायाधीश नियत थे; प्रजा की रक्षा के लिए सेना रक्खी गई थी, खेती खूब होती थी; मकान अच्छे-अच्छे थे; अस्त्र-शस्त्र और वस्त्र-आभूषण आदि भी काम में आते थे; पुस्तके थी; काव्य था; धर्म-शास्त्र था। सभ्यता के प्रायः सभी चिह्न थे। १५३१ ईसवी में, स्पेन के पिज़ारो नामक सेनापति ने, हेना कपक राजा पर विजय प्राप्त करके, उसकी राजधानी कज़को अपने अधिकार में कर ली। तब से पेरू का प्राचीन राज्य नष्ट हो गया। पिज़ारो ने पेरूवालो को विद्या, बुद्धि, सभ्यता और कला-कौशल में अपने से बहुत बढ़कर पाया। उन लोगो ने पिज़ारो को सोने-चांदी के बहुमूल्य आभूषण और रेशम और ऊन के बहुमूल्य वस्त्र नज़र किये।
पेरू की सरहद मे टोटी काका नामक एक बड़ी झील है।
कहते हैं, कोई १००० वर्ष हुए उसके किनारे मानको कपक