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फारसी-कवि हाफिज गर्यात्रियों भी अच्छी लगती है। उसी प्रकार निकाली है जमे फूलों से मकाद रपाता हे अथवा इक्षु मेरम निकलना है। ___ यहाँ पर, हम, हाफिज की रसवती करिता के दो चार नमूने देना चाहते है और साथ ही मुशी नानकचदजी का किया हुमा पद्यात्मक अनुवाद भी हम प्रकाशित करते है- antesereyarstle emej-2,Skiym परांतर सबा अगर गुजरे उपसदत् यक्रिया दोस्त । बियार नफहप अन गे मुसंपरे दोन ।। पवन मान जी की जाय तू मेरे प्राणप्यार उम, फेरा मुगा में दुले साना गुगध का । । Nepurnia rut Mr .2- 11 MIL कि न ा बगानम् । अगाव मा पयामें प्रमोन।