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पृष्ठ:प्राचीन पंडित और कवि.djvu/६१

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वोडाचा शीलभद्र से चूमा ! शीतमद ने हेनमाग को अपने कर-कमलों से उठाया और याशीर्वाद दिया । इनसाग उसी दिन से नालंद विश्वविद्यालय का विद्यार्थी हुया और कई वर्ष यहाँ रफार नौद्ध आगमों का उमने अध्ययन किया। पग्रिल १