पृष्ठ:प्राचीन पंडित और कवि.djvu/६५

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मधुरवाणी करित्य शक्ति कितनी बड़ी-चढ़ी थी, यह उसी के मनोहर गदों में हम, यहाँ पर, लिपते है- चातुर्यमेति कवितामु चतुर्विधामु चोणारलामकारनं भवति प्रशीणा। प्रशामिय निपुणमति पाणिनीये मेधा व्यक्ति बाधा विविधारधाने ॥ तत्ताहायरियाधनिर्मितगतश्लोकी फणिग्रामगी-- पाणीमारतशालपुणममुन्मालयश श्रीजुषा । धीगावादफलागिनोदममरे त्या ममम्यागतं सम्ससदि साधु प्रयति या दत्ता काम्नया । मधुग्धाणी घोणा घजाने में अत्यंत प्रोगा दो। संत और तलगी भाग में करिता करने की इसे सनुन कि प्राप्त यो । यद की पी, साधी शो में १०० जनाक बना मानी थी। भर्यात् एक मिनट मेंलो से भी अधिक। यह क्या TB मला की यात, किर मपाला जाति लिए यादीम: प्राय जिया-अपचार शादिमी पहFreeना। नासीर माना कि मिणार नामी में प्रतिमहिनी म नोगी की fre अनुगमन fre ofrarthrimirefiremit