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युगलमंगल स्तोत्र
यह कविता कवि की प्रारम्भिक रचना के रूप में हमें मिलती है, इसमें कृष्ण और राधा के कतिपय मनोहारी चित्र हैं।
सं० १९३१
युगलमंगल स्तोत्र
यह कविता कवि की प्रारम्भिक रचना के रूप में हमें मिलती है, इसमें कृष्ण और राधा के कतिपय मनोहारी चित्र हैं।
सं० १९३१