पृष्ठ:प्रेमघन सर्वस्व भाग 1.djvu/३७०

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युक्त देस पति, सासक मध्य प्रदेस।
सीमा देसेसर अरु आसामेस॥
बंग और पंजाबी सेना नाथ।
आये सब धाये निज सेना साथ॥

दोहा


रसीडंट एजंट सब देस देस तै धाय।
राजे महराजे सकल आये हिय हरखाय॥
गैकवार सेना सजे चले भूप मैसोर।
लै निजाम भट अरब संग, भूपति ट्रावंकोर॥
जम्बू अरु कश्मीर के नृप कश्मीरी सैन।
चले सजाये साथ निज निरखत अरि दुखदैन॥

भुजङ्गप्रयात

चले सेंधिया संग लै सेन भारी।

चले होलकर, ओरछा छत्रधारी॥
महाराज रीवाँ, नृपौ दत्तिया के।
चले धार, देवास, चर्खारि ताके॥
चले भूप जैपूर, बूँदी नरेसा।
चले टोंक नब्वाब कीने सुवेसा॥
सिरोही प्रजानाथ लैकै सिरोही।
भजै सैन जा सैन को देखि द्रोही॥

दोहा


नृपति करौली तैसहीं कोटा बीकानेर।
अलवर, झालावार, नृप लै दल जैसलमेर॥
चले राजगढ़, नरसिंहगढ़, छत्रपूर महाराज।
कासिराज, अवधेस लै तालुकदार समाज॥