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प्रेमघन सर्वस्व

॥विगत बृतान्त व्यवस्था॥

अब विशेष कहा सुनी न कर यदि गत वर्ष के संसार बाटिका के ऋतु परिवर्तन जनित नाना पुष्प फलों की खिलावट ओर गिरावट पर ध्यान दिया जाय, और नबीन घटनाओं की चर्चा की जाय तो प्रथम इस वर्ष जैसे यह नागरी नीरद निरन्तर अपने विविध विषय वारि बिन्दु की वर्षा करता है उसी भाँति नाभाच्छादित नीरद भी प्रायः सभी ऋतुओं में बरसता रहा और इस वर्षा ऋतु में तो कही २ पानी की वह बाढ़ आई, कि वहां की प्रजा चिल्लाकर त्राहि २ पुकारने लगी। केवल काश्मीर अपनी आधी स्वच्छन्दता के संग आधा बह गया, प्रत्युत पंजाब देश के सुलतान झेलम आदि नगर भी प्रायः उजड़ से गये! इधर बिहार और बंगाल के कई खण्ड जलमग्नि हो गये, चम्पारन, मुज़फ्फरपूर, दरभंगा, की दशा शोचनीय है! पश्चिमोत्तर सीमा का भय बढ़ता ही रहा, रूसियों के पामीर पचा जाने पर अँगरेज और चीन चिल्ला २ कर चुप हो गये; वरञ्च उनके नित्य आगे बढ़ने का समाचार आया, अब सुनते हैं कि हिरात पर हथलपकौवल हो रही है। काबुल में कमीशन जाते २ रह कर फिर जाया चाहता है। कुशक नदी के जल का निबटारा करने को हमारे मध्यस्थ रूसी सीमा पर गये ही हैं। कुशल हुई कि कोई भारी लड़ाई नहीं छिड़ी, चुटपुट कहीं चिन जाति कहीं बेबों, वा चिल्स के कोहिस्तानियों से लड़ाई हुई, बुलन्द खेल में डाकुओं का आक्रमण हुआ, वाबीटू जलाया गया इसी भाँति 'लुशाइयों से खटपट आदि हमारे बीरों के युद्ध अभ्यास के कारण हुई। स्थाम और फ्रान्स का यद्यपि घोर संग्राम रुका, तथापि भारत की पूर्वीय सीमा विशेष शङ्का जनक हो गई॰ भारत सीमा स्थित दो स्वतन्त्र यवन राज्य के पूर्वशासक परिवर्तित हो, हमारे साम्राज्य शक्तिद्वारा नवीन राज्याधिकारी स्थापित हये, अर्थात चित्राल के मिहतर और किलातके खाँ।

अँगरेजी उच्च पदाधिकारियों में भूतपूर्व भारत के सेनापति लार्ड राबर्ट अपना पद परित्याग कर घर को सिधारे, और नये सैनिक लाट मेजर जेनरल श्रीमान् ह्वाइट महोदय हुये। मन्दराज के सेनापति सर जम्स डार्मर का व्याघ्र के आखेट में जाकर स्वयम् व्याघ्र का आखेट होना, और बम्बई के कमाण्डर इनचीफ का घोड़े से गिर कर अकाल मृत्यु प्राप्त करना, अवश्य शोचनीय घटनायें है। हमारे प्रदेश के छोटे लाट सर आक्लैराड कालविन का अपना पद त्याग कर जाना, और क्यापटन् हियसें का उन्हें ललकारना, सर