इलायची इलायची - संज्ञा स्त्री० एक सदाबहार पेड़ जिसके फल के बीजों में बड़ी तीक्ष्ण सुगंध होती है । है इलाही - संज्ञा पुं० ईश्वर । खुदा | वि० देवी । ईश्वरीय । इल्ज़ाम -संज्ञा पुं० श्रारोप | दोषा- रोपण | इल्तिजा -संज्ञा स्त्री० निवेदन । इल्म- संज्ञा पुं० विद्या । ज्ञान । इल्लत - संज्ञा स्त्री० १. रोग | बीमारी । २ कंकट | ३. दोष । इल्ला - संज्ञा पुं० छोटी कड़ी फुंसी जो चमड़े के ऊपर निकलती है । इल्ली -संज्ञा स्त्री० चींटी के बच्चों का वह रूप जो थंडे से निकलते ही होता है। इव - अव्य० उपमावाचक शब्द । समान । तर इशारा - संज्ञा पुं० १. सैन | संकेत । २. संक्षिप्त कथन | ३. बारीक सहारा । ४. गुप्त प्रेरणा । इश्क - मज्ञा पुं० मुहब्बत | प्रेम | इश्तहार - संज्ञा पुं० विज्ञापन | इष्ट - वि० १. चाहा हुआ । २. पूजित । संज्ञा पुं० श्रग्निहोत्रादि शुभ कर्म । इष्टता-संज्ञा स्त्री० इष्ट का भाव । इष्टदेव, इष्टदेवता - संज्ञा पुं० आराध्य देव । पूज्य देवता । ६४ ह इष्टि-संज्ञा खी० १. इच्छा । २. यज्ञ । इस सर्व० 'यह' शब्द का विभक्ति के पहले आदिष्ट रूप । जैसे― इसको । इस पंज - संज्ञा पुं० समुद्र में एक प्रकार के अत्यंत छोटे कीड़ों के योग से बना हुआ मुलायमे रूई की तरह का सजीव पिंड जो पानी खब सोखता है। मुर्दा बादल । इसपात -संज्ञा पुं० एक प्रकार का कड़ा लोहा । इसबगोल - संज्ञा पुं० फ़ारस की एक काड़ी या पौधा जिसके गोल बीज हकीमी दवा में काम आते हैं। इसलाम -संज्ञा पुं० [वि० इसलामिया ] मुसलमानी धर्म । इसलाह- संज्ञा स्त्री० संशोधन । इसे सर्व ० 'यह' का कर्म कारक और संप्रदान कारक का रूप । इस्तमरारी - वि० सब दिन रहने- वाला । नित्य । इस्तिरी - संज्ञा स्त्री० कपड़े की तह बैठाने का धोबियों या दरज़ियों का औज़ार । इस्तीफा -संज्ञा पुं० नौकरी छोड़ने की दरख्वास्त । त्यागपत्र । इस्तेमाल - संज्ञा पुं० प्रयोग | उपयोग | इह - क्रि० वि० इस जगह । यहाँ । इहाँ - क्रि० वि० दे० "यहाँ" ।
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