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करतल करतल - संज्ञा पुं० [स्त्री० करतली ] हथेली । करतली - संज्ञा स्त्री० १. हथेली । २. ताली । करता-संज्ञा पुं० दे० "कर्त्ता" । करतार -संज्ञा पुं० ईश्वर । + संज्ञा पुं० दे० " करताल" | करतारी -संज्ञा स्त्री० दे० "कर- ताली" । वि० ईश्वरीय | करताल - संज्ञा पुं० १. ताली बजना । २. मँजीरा । करतूत - संज्ञा स्त्री० १. कर्म । २. हुनर | करतृति-संज्ञा स्त्री० दे० " करतूत " | करद - वि० कर देनेवाला । करधनी - संज्ञा स्त्री० १. सोने या चांदी का, कमर में पहनने का, एक गहना । २. कई लड़ों का सूत जो कमर में पहना जाता है । करन -संज्ञा पुं० दे० " कर्ण" । करनधार - तंज्ञा पुं० दे० "कर्ण- धार" । करनफूल - संज्ञा पुं० कान का एक गहना । करनबंध - संज्ञा पुं० बच्चों के कान छेदने का संस्कार या रीति । करना - संज्ञा पुं० एक पौधा जिसमें सफेद फूल लगते हैं । सुदर्शन । संज्ञा पुं० बिजैारे की तरह का एक बड़ा नीबू |
- संज्ञा पुं० करनी ।
क्रि० स० १. संपादित करना । २. धिना । ३. बनाना । करनाई - संज्ञा स्त्री० तुरही । करनाटक-संज्ञा पुं० मद्रास प्रांत का १४३ करमट्ठा एक भाग । करनाटकी -संज्ञा पुं० १. करनाटक प्रदेश का निवासी । २. कलाबाज़ । करनाल - संज्ञा पुं० १. नरसिंहा । २. एक प्रकार का बढ़ा ढोल । ३. एक प्रकार की तोप | करनी -संज्ञा स्त्री० १. कर्म । २. मृतक संस्कार । ३. दीवार पर पक्षा या गारा लगाने का औज़ार । करपरः- संज्ञा स्त्री० खोपड़ी । वि० कंजूस । करपलई-संज्ञा स्त्री० दे० "कर- पलत्री" । करपल्लवी - संज्ञा स्त्री० उँगलियों के संकेत से शब्दों को प्रकट करने की विद्या । करपीड़न-संज्ञा पुं० विवाह | करपृष्ठ - संज्ञा पुं० हथेली के पीछे का भाग । करबरना- क्रि० भ० कुलबुलाना । करबला -संज्ञा पुं० वह स्थान जहाँ ताजिए दफ़न हो । करबूस - संज्ञा पुं० हथियार लटकाने के लिये घोड़े की ज़ीन या चारजामे में टँकी हुई रस्सी या तसमा । करभ-संज्ञा पुं० [स्त्री० करभी ] १. ह थेली के पीछे का भाग । २. ऊँट का बच्चा । ३. हाथी का बच्चा । ४. कमर । करभोरु - संज्ञा पुं० हाथी की सूँड़ के ऐसा जंघा । वि० सुंदर जांघवाली । करम - संज्ञा पुं० १. कर्म । २. भाग्य । करमकल्ला-संज्ञा पुं० बंद गोभी । पात- गोभी । करमचंद -संज्ञा पुं० कर्म । भाग्य | करमट्ठा - वि० कंजूस ।