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भता अक्षता-संज्ञा स्त्री० मूर्खता । नादानी | अशा:- संज्ञा स्त्री० दे० "श्राज्ञा" । अज्ञात - वि० [सं०] बिना जाना हुआ। अप्रकट ।
- क्रि०वि० बिना जाने । अनजान में । अज्ञातवास-संज्ञा पुं० ऐसे स्थान का निवास जहाँ कोई पता न पा सके । अज्ञान - संज्ञा पुं० जड़ता । मूर्खता । वि० मूखं । जड़ | नासमझ । अज्ञानता - संज्ञा स्त्री० जड़ता । मूखता । अविद्या । नासमझी। अज्ञानी - वि० मूर्ख | नासमझ अज्ञेय - वि० जो समझ में न आ सके । श्रज्यों:- - क्रि० वि० दे० "श्रजौं” ।
C टंबर- संज्ञा पुं० श्रटाला | ढेर | राशि | अट-संज्ञा स्त्री० शर्त । कैद । प्रतिबंध | अटक - संज्ञा स्त्री० [ क्रि० अटकना । वि० अटकाऊ ] १. रोक । रुकावाट । श्रड़चन । २. संकोच । हिचक । ३. सिंध नदी । चटकन बटकन - संज्ञा पुं० [देश० ] छोटे लड़कों का एक खेल | अटकना - क्रि० अ० रुकना । ठहरना । झड़ना । श्रटकरना +- क्रि० स० अंदाज़ करना । अटकल लगाना । अटकल-संज्ञा स्त्री० १. अनुमान । कल्पना । २. अंदाज़ | कृत । लटकलना- क्रि०स० श्रटवल लगाना । अनुमान करना । अटकल पच्यू-संज्ञा पुं० मेोटा अंदाज़ | कल्पना । 1 वि० खयाली । अटपटींग | क्रि० वि० अंदाज़ से । अनुमान श्रटका - संज्ञा पुं० जगन्नाथ जी को चढ़ाया हुआ भात और धन । अटकाना- क्रि० स० १. रोकना । २. २६ फँसाना | करना । अटेरना ३. पूरा करने में विलंब अटकाव - संज्ञा पुं० १. रोक । रुका- वट | २. बाधा | विघ्न । श्ररखर - वि० सट्ट | अंडबंड | टन - संज्ञा पुं० घूमना । फिरना । घटना- क्रि० प्र० घूमना फिरना । क्रि० अ० आड़ करना । भोट करना । छेकना । श्रटपट - वि० [स्त्री० अटपटी] १. विक्ट कठिन । २. दुर्गम । दुस्तर । ३. गूढ़ । जटिल । ४. ऊटपटांग । अटपटाना- क्रि० अ० [हिं० अटपट ] अटकना | लड़खड़ाना । श्रटपटी - मंज्ञा स्त्री० अज्ञेय | जो समझ में न श्रावे । अटल-वि० जो न टले । स्थिर । नित्य | चिरस्थायी । ध्रुव । पक्का | श्रधी-संज्ञा स्त्री० वन । जंगल । श्रटा-संज्ञा स्त्री० घर के ऊपर की कोठरी । श्रटारी । ७ संज्ञा पुं० श्रटाला । ढेर | राशि | समूह | श्रटारी-संज्ञा बी० घर के ऊपर की कोठरी या छत । चौबारा । कोठा । टाल संज्ञा पुं० बुर्ज । धरहरा | अटाला - संज्ञा पुं० १. ढेर । सामान । असबाब । २. कुसाइयों की बस्ती । अटूट वि० १. न टूटने योग्य । मज़. बूत । २ जिरूका पतन न हो । श्रजेय । ३. अखंड । ४. बहुत अधिक । अटेरन - संज्ञा पुं० [ क्रि० अटेरना ] १. सूत की अटी बनाने का लकड़ी का एक यंत्र । २. घोड़े को कावा या चक्कर देने की एक रीति । अटेरना- क्रि० स० १. अटेरन से सूत