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पृष्ठ:बाहर भीतर.djvu/१७७

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१८० नवाब ननकू "तुम्हे मेरी कसम नवाब।" "ओफ!" "कहो, कहो।" "अम्मी का लहंगा था।" राजा साहब निश्चल पड़ गए। उनकी आंखों की कोर से आंसू बह रहे थे और उनका कांपता हुआ हाथ नवाब के हाथ में था।