पृष्ठ:बा और बापू.djvu/२५

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'बा' का इलाज जब 'बा' मैरित्सबर्ग जेल से रिहा हुई, उनका स्वास्थ्य बहुत गिर गया था। बाहर आने पर तो रोग ने उग्र रूप धारण कर लिया। डाक्टरो ने बहुत दवा-दारू की, पर रोग बढता ही गया। अन्त मे बापू ने कहा, "यदि तुझे मुझपर विश्वास हो तो अब मैं अपने प्रयोग करू।" 'बा' ने मजूर कर लिया। वापू ने 'बा' से चौदह उपाय कराए और नीम का सेवन करवाया। प्रात बापू स्वय 'बा' को दातून कराते, काफी भी स्वय बनाकर पिलाते, एनीमा देते । जैसे-जैसे धूप बदलती जाती, 'बा' को खटिया को वे हटाते रहते । सध्या को फिर उठाकर भीतर ले जाते । इस प्रकार बापू ने 'बा' को अपनी सेवा और प्रेम से ही चगा कर लिया।