पृष्ठ:बा और बापू.djvu/५३

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परिजनों पर ममता बापू अपने परिजनोपर बडी ममता रखते थे। उनको अपने पास रहने वाले प्रत्येक के खाने, सोने और माराम का पूरा ख्याल रहता था। यदि कोई बीमार हो जाता तो वह अपनी बीमारी भूलकर बापू की असुविधा का अधिक विचार करने लगता, क्यो- कि बीमार होने का अर्थ था- बापू के बढे हुए कामो मे एक और की वृद्धि । उन्हे बीमार की पूरी खबर मिलनी ही चाहिए थी। उसको क्या दवा मिली, क्या खाना मिला, क्या हालत रही, ये सब बातें उन तक पहुचनी चाहिए, वरना उहें सन्तोष न होता। बीमार को वे एक बार देखने अवश्य जाते थे । जहा किसी मिलने वाले की बीमारी की बात सुनी कि उसके घर देखने पहुंच गए। रोगी के लिए बिना समय निकाले वे नही रहते थे।