पृष्ठ:बा और बापू.djvu/५२

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बापू की अत शक्ति बापू की अत शक्ति अजेय थी। उनका दुर्बल शरीर विद्युत् शक्ति का पुज था। उसीकी सहायता से वे विरोधी को अपनी ओर खीच लेते थे। एक बार जो उनके सम्पर्क मे आया, सदा के लिए उनका हो गया। उनकी वाणी कोमल, बुद्धि विशाल और तेजपूण, ज्ञान अपरिमित और अनुभव अद्वितीय था । यह एक आश्चर्यजनक बात थी कि उनकी मानसिक शक्तिया जीवन के अतिम दिन तक बढती ही गई। विकट से विकट समस्या को सुलझाना और एक सर्वथा मौलिक मार्ग खोज निकालना उत्तके लिए साधारण बात थी। कठिनाइयो का सामना करने मे उन्हे आतदाता था।