पृष्ठ:बिरहवारीश माधवानलकामकंदला.djvu/२७

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२५ तरंग विषय पृष्ठसे पृष्ठतक २२ विक्रमराजाका कामसेनराजाकेपास वैताल काभेजना कि आप कामकन्दलाका देदेया युद्ध करें यहसुनके कामसेनका युद्ध करना पसन्द करना वर्णन ॥ ११८१२३ २३ विक्रमराजा और कामसेन राजाकी सेना- कोयुद्धऔर कामसेनके मेढामल्ल और वि- क्रमादित्यकेरणजोरसिंहपवारकाबार्तालाप।। १२३ १२६ २४ मेढ़ामल्लका जूझना सुनके कामसेनका दूतभेजकर राजा विक्रमसे मिलापहोना ।।१२६ १२९ कामसेन राजाका विक्रमादित्य और माधवानल को अपने स्थानमें लेजाकर माधवानलको कामकंदला और बनारसकी राज्य और घोड़ा हाथी और बहुतसाव्य देकर विदाकरना और विक्रमादित्यकी बड़े आदर मानसे पहुनाईकरना॥ २६ माधवानल के वियोगसे लीलावती की वारहमासी का वर्णन॥ १३४ १४१ माधवानल के विरहमें लीलावती की बारहमासी। १४११४५ माधवानल का स्वप्ने में अपनी प्रथम प्राण प्यारी लीलावती को निज विरह में अति दुखितदेखनाऔ कामकन्दलासे उस बिरही का सम्पूर्ण हालकहना-तत्पश्चात् कामकन्दला का उसके लाने के लिये महाराज दिक्रमादित्य से विनय कर पुहुपावतीपुरी पर चढ़ा लेजाना वर्णन ॥ १४६ १४८ २७