पृष्ठ:बिहारी-रत्नाकर.djvu/३७०

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स्वेद-सलिल स्वारथु, सुकृतु स्यौं बिजुरी स्याम-सुरति साई हैं। सोहतु संगु सोहति धोर्त सोहत हैं सोहतु अँगुठा सोवत सुपर्ने सोधत सखि सोवत, जागत सोनजुही सी सुर उदित । सुरति न ताल सुरंगु महावरु सुभरु भयौ सुनि पग-धुनि सुनत पथिक सुदुति दुराई सुघर-सौति-बस सुख सौं बीती सीस-मुकट सीरें जतननु सीतलताऽरु दोहों की अकारादि सूची ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ मानसिंह की टीका ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ | बिहारी-रत्नाकर उपकरण-१ कृष्ण कवि की ६ * * * * * * * * * * * * * * * * * * ६ * * * * * * * * * * * * * * * *

  • ६ | हरिप्रकाश-टीका * * | लाल-चंद्रिका

१७१ : १४ ६६६ / ६३६६३० १७ | २६३ ६०८ २११ ३४५ | ३३५ की टीका २२५


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