पृष्ठ:बिहार में हिंदुस्तानी.pdf/३६

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अब्दुल हक सरीखे जाहिरी हिंदुस्तानीपरस्त जी जान से तुले हुए है उसके कुछ नमूने ये हैं―

(१) नोटिस बनाम नाबालिग मुद्दालेह और वली वनिम्बत दर्खास्त बारते वहाला वली की बली बगरज मोकदमे के।

(२) वही रोज बास्ते इम्पेसाल नातिक मुकदमा हाजा के मुऐयन है।

(३) कुरकी कबले तजबीज साथ हुक्मे तलबी जमानत वास्ते अदाय डिगरी के।

(४) जिनको एतराज वनिस्बत किसिम या तायदाद हकीयत जो दावी किये हुए मजकूर मुवाफिक तफसील जैल के हो उसको चाहिए कि बयान तहरीरी अपने उजुरों का दे।

(५) आइनदा वास्ते समायत मोकदमे के मोकर्रर की गई लेहाजा बजरिए इसके इश्तेहार दिया जाता है कि शखसे मोतवफा का अगर दूसरा कोई शखस वारिस हो या दूसरा कोई शख्स उसके मैतरके की मुसहक हो या अगर कोई शखस साऐल का इस्तदोआए पर ऐतराज करना चाहता है तो वह तारीख मोकर्रर मजकूर में खुद या बजरिए वकलाए के हाजिर होकर एतराज अपना पेस करे और तारीख मजकूर का अपना दस्तावेज और गवाहान जो वह अपने एतराज का ताईद में पेश करना चाहता हो पेश करने पर आमादे रहे।

यह है बिहार की काँगरेसी सरकार की वह भाषा जो आम-