सामग्री पर जाएँ

पृष्ठ:बीजक.djvu/६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

________________

                    (२)

पुस्तकों के छापने की आज्ञा दी है । केवल आज्ञा ही नहीं दी है द्रव्यकी सहायता देकर भी आपने यश लूटा आप वीरता के साथ २ पूर्ण विद्वान है; आप पूर्ण रसिक और सत्य शौर्यधारी हैं; आप न्याय और सुविचार के स्वरूप हैं। आप स्वयम् सर्व गुण सम्पन्न कवि हैं यही कारण है कि, आप गुणियों और कवियों के पूर्ण परीक्षक हैं।

 आपकी आज्ञा की हुई साकेतवासी श्री१०८श्रीमन्महाराजाधिराज बाँधवेश, रीवधिपति, श्रीमहाराज रघुराज सिंहजूदेव बहादुरकी वहुतसी पुस्तकें हमारे यहां छप चुकीहैं और यह अबकी बीजक। इसी प्रकार से और भी पुस्तकें क्रमशः प्रकाशित होती नावेंगी ।
 

इस पुस्तकको अवलोकन करनेवाले सर्व सज्जनोंसे निवेदन है कि यदि आपके पास कबीरसाहबकी पुस्तकें हों तो अवश्य कृपाकर भेजदीजिये जिससे हमारे यहाँ आयी हुई अनेक पुस्तकें शुद्ध होकर छप जावें ।

इस पुस्तकका कबीरपंथके ग्रन्थेंके जीर्णोद्धारक, कबीर मन्शूरके अनुवादक, मूळ बीजक,शब्द कुञ्जी और साखी आदि अनेक ग्रन्थोंके संशोधक और वेदान्तके अनेक पुस्तकोंके संशोधक कबीरोपास्नापद्धतिके कर्ता स्वामी युगलानन्द कबीरपंथी भारतपथिक रसीदपुर ( शिवहर ) निवासीद्वारा संशोधन कराकर छापा है ।

सर्व सज्जनेका कृपाकांक्षीखेमराज श्रीकृष्णदास,