पृष्ठ:बुद्धदेव.djvu/२१५

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(३४) विशाखा .. श्रावस्ती में महाराज प्रसेनजित् के कोपाध्यक्ष मृगार के पुत्र' पुण्यवर्धन की स्त्री का नाम विशाखा था । वह अंगराज के कोपाध्यक्ष धनंजय की पुत्री थी। विशाखा ने श्रावस्ती में भगवान बुद्धदेव के लिये एक श्राराम बनवा दिया था जिसका नाम पूर्वाराम था। वह भगवान् बुद्धदेव पर बड़ी श्रद्धा और भक्ति रखती थी और सदा अनेक भिक्षुओं और भिक्षुनियों की अन्न वस्त्र से पूजा किया करती. थी। भगवान् बुद्धदेव जव श्रावस्ती में रहते थे, तब कभी जेतवन विहार में और कभी पूराम में रहा करते थे।