पृष्ठ:बेकन-विचाररत्नावली.djvu/१०२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
(९७)
मैत्री।

नष्टकर देनेकी शक्ति प्राप्त करली थी क्योंकि अशकुन और विशेषतः अपनी स्त्री काल पूरनियाके देखे हुए दुःस्वप्नके कारण, सीज़र सीनेट नामक सभा उठा देना चाहताथा; परन्तु ब्रूटसने धीरेसे उसका हाथ पकड़ कर उसे उसकी कुरसीसे उठाया, और कहा कि, जबतक तुम्हारी स्त्री एक अच्छा स्वप्न न देखै तबतक सीनेट सभा न उठादेनी चाहिए। सिसरोने, अपने एक ग्रन्थमें, अंटोनियसके एक पत्रका अवतरण ज्यों का त्यों दिया है। इस पत्रमें लिखा है कि सीज़र का ब्रूटसके ऊपर इतना प्रेम था मानो ब्रूटसने उसपर जादू कीथी।

आग्रिपा[१]का जन्म यद्यपि नीचकुलमें हुआ था, तथापि रोमके राजा आगस्टस सीज़रने उसे इतने ऊंचे पद पर चढ़ादियाथा कि जब राजाने, अपनी कन्या जूलियाके विषयमें, मेसेना[२]से परामर्श किया तब मेसेनाने निर्भय होकर यह स्पष्ट कह दिया कि "तुमने आग्रिपाकी योग्यता इतनी बढ़ादी है कि अब यातो जूलियाके साथ उसका विवाह करदो, या उसका प्राण लेलो; इन दोके अतिरिक्त तीसरा मार्गही नहीं है"।


  1. आग्रिपा रोमका निवासी था। इसने कई युद्धोंमें बड़ी वीरता दिखाई है। रोमके राज्यको इसने विशेष लाभ पहुँचाया। आगस्टस सीज़रका यह परम मित्र था। ५१ वर्षके वयमें ईसवी सन् के १२ वर्ष पहले इसकी मृत्यु हुई। इसकी समाधि उसी स्थानमें बनाई गई जिसे आगस्टस सीज़रने अपने लिये निश्चित किया था।
  2. मेसेना रोम का एक प्रसिद्ध सरदार था। इसका सम्बन्ध यहूदियोंके राजवंश से था। यह महा विद्वान था। आगस्टस सीज़र का मित्र होनेके कारण, यह, उसको सदैव सदुपदेश दिया करता था। इसने अनेक ग्रन्थ लिखे हैं; परन्तु इस समय उनका पता नहीं लगता। ईसवी सन् के ८ वर्ष पहले इसकी मृत्यु हुई।