पृष्ठ:भट्ट निबंधावली भाग 2.djvu/९९

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सुख दुःख का अलग अलग विवेचन


सुख और सम्पत्ति की दशा मे बड़े लोगो का चित्त उत्पल जो अत्यन्त कोमल होता है तत्सदृश मुलायम हो जाता है; अत्यन्त विनीत और नम्र हो झुकने लगते हैं। वही जो ओछे, छोटे, सकीर्ण हृदय हैं वे अभिमान मे फूल बड़े कट्टर हो झुकना जानते ही नहीं --विपद्ग्रस्त दुःखित दशा मे बड़े लोग धैर्य धर पत्थर से कड़े दिल बने रहते हैं; जो क्षुद्र हृदय हैं धीरज छोड गिड़गिड़ाने लगते है।

नवम्बर, १९००
 



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