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पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास.djvu/१३४

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दखिन गया और अहमदनगर का क़िला जीता पर उसकी पीठ फिरते ही मलिक अम्बर ने सारा देश मुग़लों के पंजे से छुड़ा कर अपने आधीन कर लिया। अन्त में शाहजहां के राज्य में मलिक अम्बर के बेटों ने यह देश मुग़लों के हवाले कर दिया।

४—गोलकुंडा रियासत की नीव कुतुबशाह नामी एक ईरानी ने सन् १५१० ई॰ में डाली थी। इसके उत्तराधिकारी महम्मद ने हैदराबाद नगर बसाया। सन् १६८५ ई॰ में औरङ्गजेब ने गोलकुंडा को घेर लिया। नगर निवासियों ने बड़ी बीरता के साथ उसका सामना किया पर अन्त में हार गये और यह कुल देश मुग़ल राज में मिल गया।

५—बीदर की रियासत क़ासिम बरीद की स्थापित की हुई थी। यह पहिले एक दास था फिर बढ़ते बढ़ते बहमनी सुलतान महमूद का मन्त्री हो गया था। इसने अपने स्वामी को क़द किया और स्वतन्त्र हो गया। इस वंश के सातवें बादशाह के समय में बीजापुर के सुलतान ने इसे जीत लिया। इसके पीछे १६८८ ई॰ में औरङ्गजेब ने बीदर का क़िला ले लिया।

६—बरार की रियासत सब से छोटी थी। इसकी नीव १४८४ ई॰ में इमादुल्मुल्क ने डाली थी। यह कनाड़ा का ब्राह्मण था और बहमनी सुलतान और विजयनगर के राजा की लड़ाई में कैद हो गया था। यह मुसलमान हो गया और बहुत ऊंचे पदों पर रहकर अन्त में बरार का हाकिम बनाया गया। फिर वहां का बादशाह बन गया। इसकी राजधानी एलिचपुर थी। बरार देश को सन् १५७२ ई॰ में अहमदनगर के बादशाह ने जीत लिया और फिर बुढ़ापे में बादशाह अकबर ने इसे जीता।

७—सन् १५६५ ई॰ में दखिन के चार मुसलमान बादशाहों ने बिजयनगर के राजा राजाराम पर जो बड़ा अत्याचारी और