पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास.djvu/१८

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३—कुछ दिन पीछे जब उत्तर से और लोग आये तो उन्हों ने पहिले आये हुओं को दक्षिण हटा दिया या उनसे मिलजुल कर एक हो गये। ऐसा कई बार हो चुका है।

४—आज दिन उनमें से बहुतेरी जातियों का नाम भी कोई जानता। यहां तक निश्चय हुआ है कि नीचे लिखी जातियां क्रम से समय समय पर बाहर से आकर भारत में बस गईं:—तूरानी या मंगोल, आर्य, ईरानी, यूनानी, शक या सीथियावाले, हूण, अरब के रहनेवाले, अफ़गान या पठान, तुर्क, मुग़ल।

५—इस किताब में इन सब जातियों का कुछ कुछ हाल बताया जायगा। जैसे यह कि कौन जाति के लोग कैसे कब और कहां भारत में बसे? तूरानी पूर्व और उत्तर भाग में रह गये ईरानी, यूनानी और अरबी पश्चिमोत्तर भाग से आगे न बढ़े। मुग़ल, तुक और पठान बहुधा उत्तर भारत के सिन्धु और गङ्गा की तरेटियों में बसे। कुछ जातियां जैसे शक और हूण उत्तर-पूर्व और मध्य भारत के पश्चिमीय भाग में रहने लगीं। आर्य लोग इन सब से पहिले आये थे सब से आगे पहुंचे और दक्षिण देश को छोड़ जहां उनमें से बहुत थोड़े लोग गये थे सारे देश में फैल गये।

(५) तूरानी या मङ्गोल।

१—मङ्गोलिया मध्य एशिया का वह देश है जिसे चीनी-तातार कहते हैं। मङ्गोल यहीं के रहनेवाले थे और यहीं से यह लोग चीन और आस पास के देशों में फैले। मुसलमान इतिहास रचने वाले इस देश को तूरान कहते हैं, और इसके निवासियों को तूरानी या तातारी

२—इनका डील छोटा, सिर चौड़ा, नाक चिपटी, आंखें छोटी और तिरछी, रंग पीला लिये भूरा था। आर्यों के भारत में आने से