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पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास.djvu/२१६

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हैरान था कि इसको क्या करूं। इस कारण उसने कुल सेना को तीन मास की तनखाह अगौड़ दे दी और एक बरस तक फ़ारस रहनेवालों से किसी प्रकार का कर न लिया।

६—इस नादिरशाह को चढ़ाई ने बचे खुचे मुग़ल राज्य का नाश कर दिया। सूबेदारों और नवाबों ने रुपये की भेंटें भेजनी बन्द कर दीं। मरहठों की और भी बन गई। उन्होंने कुल दखिन और बंगाले को चौपट कर डाला और जहां गये वहीं चौथ लगा दी। कलकत्ते के अंग्रेजी व्यापारी भी भयभीत हुए। उन्हों ने एक गहरी खाई खोदी जिस में मरहठे उन्हें लूट न सकैं और इस खाई का नाम मरहठाडिच अर्थात मरहठा खाई रक्खा गया।