पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास.djvu/३५

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कुटी में आया और उन को उठा कर लंका में जिसको अब सीलोन कहते हैं, अपने घर ले गया। वहां फुसला कर और धमका कर रावण ने चाहा कि सीता को अपनी रानी बनावे पर उस पतिव्रताने उसकी ओर आंख उठा कर भी न देखा। रावण ने उन को एक घने बाग में अलग बन्द कर दिया और सिपाहियों का पहरा बैठा दिया।

९—राम लक्ष्मण ने पश्चिमीय घाट के प्रतापी राजा सुग्रीव से मित्रता करली। सुग्रीव ने बहुत बड़ी सेना देकर अपने सेनापति हनुमान को राम की सहायता के लिये भेजा। हनुमान की सहायता से राम लक्ष्मण लङ्का पहुंचे, रावण को मारा और सीता जी को छुड़ा कर कुशल पूर्वक ले आये।

१०—इसी समय बनवास की अवधि भी पूरी हुई। राम लक्ष्मण सीता जी समेत अवध में आये। बहुत दिनों तक रामचन्द्र जी ने राज किया। प्राचीन समय के राजाओं में यह राजा बड़े प्रसिद्ध हुए हैं। इन्हें हिन्दू परमेश्वर का अवतार मानकर पूजते हैं। सीता जी से इन के दो पुत्र थे कुश और लव। राजपूतों के दो बड़े परिवार जिनका बर्णन आगे किया जायगा अपने को लव और कुश की सन्तान बताते हैं।


७—महाभारत का समय।

१—जब आर्यों को पंजाब में अपना अधिकार जमाये और ब्रह्मावर्त ऐसे रमणीय स्थान में रहते बहुत दिन बीत गये तब उन्होंने जाना कि उन से पूर्व का देश जिस में गंगा और यमुना बहती हैं इससे भी बढ़कर रमणीय और उपजाऊ है। अब वह गिनती में इतने बढ़ गये थे कि सिन्धु की घाटी में उनका निर्वाह कठिन