महात्मा बुद्धके जन्मके पूर्वका इतिहास १११ . । ये सभी राज-परिवार आपसमें एक दूसरेसे सम्बन्ध रखते थे। उनके विषयमें बहुतसे उपाख्यान और ऐतिह्य वौद्ध पुस्तकों- में लिखे हैं। परन्तु उनमें से बहुत थोड़े विश्वासके योग्य हैं। उस समयके राज- उस समय उत्तर भारतमें सोलह राज- नीतिक शक्तियां राज्य करती थीं। उनमेंसे नीतिक विभाग । चारका उल्लेस ऊपर किया जा चुका है। शेप ये हैं :- (१) अङ्ग, जिसकी राजधानी चम्पा माजकलके भागलपुर- के समीप थी। (२) काशी, जो किसी समय एक शक्तिशाली राज्य था। (३) बनी ( बनो) जिसके अन्तर्गत माठ संयुक्त वंश थे। इनमेंसे सरसे पढे लिच्छवी और विदेह थे। बुद्धफे समयमें यह राज्य प्रजातन्त्र सिद्धान्तोंपर व्यवस्थित था । इसका क्षेत्रफल तेईस सौ मीलके लगभग था। इसकी राजधानी मिथिला थी, जहा राजा जनक युद्ध-धर्मको उत्पत्तिो कुछ । समय पहले राज्य करता था। (४) कुशीनारा और पावाके मल्ल, ये भी स्वाधीन जातिया थी। इनका प्रदेश पर्वतके अञ्चलमें था। (५) चेति, इनके दो उपनिवेश थे-पुराना उपनिवेश नेपालमें और दुसरा पूर्वमें कौशाम्बीके समीप । (६) कुर लोगोंकी राजधानी इन्द्रप्रस्य थी। इसके पूर्व में पांचाल और दक्षिणमें मत्स्य जातियां वसती थी। ऐतियों. फे अनुसार इस राज्यका क्षेत्रफल दो सहस्र मील था । (७) दो राज्य पांचालोंके, जो कुरओंके पूर्वमें गङ्गा और पर्वतोंके वीच थे और जिनकी राजधानिया करिपला और फन्नीज थीं। 1
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