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पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास भाग 1.djvu/३०६

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२७० भारतवर्षका इतिहास परन्तु उसका सबसे प्रसिद्ध स्मारक भोज- तालाब भोजपुर । पुरकी बड़ी झील थी जो भोपालके दक्षिण- पूर्वमें ढाई सौ मीलके क्षेत्रमें बनाई गई थी। पर्वतोंकी एक माला- में पानीके सय मार्गों पर बहुत मजबूत यांध लगाकर यह झील यनाई गई थी। एक मुसलमान राजाने इस चांधको उखड़वा दिया और पानी बह गया। सन् १०६० ई० में गुजरात और चेदिके राजाओं ने मिलकर भोजपर धावा किया ओर उसको हार दी। उसका वंश छोटे छोटे राजाओंके रूपमें तेरहवीं शताब्दी. तक बना रहा। इसके पश्चात् उसका नाम-निशान मिट गया। टिप्पणी हिन्दू-ऐतिह्योंमें कई राजा भोज प्रसिद्ध हैं । जैसे पहले कह आये है, कन्नौजका राजा भोज भी एक बहुल विद्यारसिक और धर्म-सुधारक हो गया है । यह कहना बहुत कठिन है कि कौन कौन सी कहानियोंका किस किस राजा भोजसे सम्बन्ध है। परन्तु चूंकि हिन्दू लोग राजा भोजको उपमा बहुधा विक्रमा- दित्यसे देते हैं, और चूंकि विक्रमादित्य और भोज दोनों ही मालवाफे राजा थे । इसलिये अधिक सम्भव है कि हिन्दू-कहा- नियोंका राजा भोज मालवाका शासक था। ।