पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास भाग 1.djvu/४३१

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इस प्रकार मनुस्मृति और महाभारत में भी नियम दिया गया है। परन्तु चाणक्य के अर्थ शास्त्र में चन्द्रगुप्त के समय के सम्पत्ति का संगठन का सविस्तार व्यठथ है। चाणक्य सरकारी करोंके दो प्रकार बताता है। और फिर पहले प्रकारज्ञकै सात मैदान लिखता है अर्थात पहले वह जो राजघानी से बबूल किया जाय;तीसरा खानों से, चौथा सरकार इमारतों से पांचवी बनों से जुड़ा शजक्क्ष छठाज्ञगोचर भूमियों से सातवीं पुलों और सड़क से आदि से