पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/१९

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ब्लैकहोल ल-कलकता गया। परिमाण यह हुआ कि वह मूढ़, मूर्ख, निर्दयो और हठो हो यह अंगरेजों से घृणा करता था। उसने यह सुना था कि कलकत्ता धन से भरा हुआ बड़ा नगर है और इस कारण उसको यह बडी चाह थी कि कलकत्ते जाऊं और वहाँ का धन लूट कर अपने खजाने को भरू। २–गद्दी पर बैठते ही उसने अंगरेजों से छेड़ छाड़ आरम्भ कर दो। उसका हाल यह है कि जब कोर्ट विलियम के गवर्नर ने सुना कि फ़रासोसियों से फिर युद्ध होनेवाला है, वह डरा कि हो न हो चन्द्रनगर के फरासीसी कलकत्ते पर चढ़ाई करें और इस कारण से उसने फोर्ट विलियम की दीवारों को मरम्मत करवाई। सिराजुद्दौला ने लिखा कि तुम दीवारें गिरा दो। गवर्नर ने जवाब दिया कि यह नहीं हो सकता क्योंकि चारों ओर को दीवारों के गिरने से सिराजुद्दौला कलकत्ता फ़रासोसियों के सामने अरक्षित दशा में हो जायगा। ३–इस उत्तर को पढ़ कर नवाब बहुत विगड़ा और उसने पचास हज़ार सेना लेकर कलकत्ते पर चढ़ाई की। फोर्ट विलियम में इस समय कुल १७० अंगरेज़ थे और वह भी ऐसे कि जिनमें से किसी बिरले ही ने युद्धक्षेत्र के दर्शन किये हों। इनसे काम लेनेवाला कोई क्लाइव के समान धोर और बोर अफ़सर न था। जैसे हो सका चार दिन तक उन्हों ने अपने प्राणों को रक्षा की। इसके पीछे लेखकों में से कुछ मर्द, औरतें और बच्चे जहाज़ में बैठ कर समुद्र के रास्ते निकल गये। जो बचे