पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/८३

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लार्ड विलियम बेण्टिङ्क और भासाम, आराकान और तनासिरम अङ्गरेज़ों के अधिकार में आ गये। ४--भारत में भरतपुर का किला बड़ा मज़बूत समझा जाता था। अगरेजों ने उसे दो बार घेरा पर सफलता न हुई। भरतपुर का राजा और बहुत से राजा यह समझने लगे कि भरतपुर को अगरेज न जीत सकेंगे। १८२६ ई० में वहां का राजा मर गया। एक सरदार जिसका कोई अधिकार न था गद्दी पर बैठ गया। लार्ड अम्हट ने लार्ड कामबरमीर को एक बड़ी सेना दे कर भरतपुर भेजा कि अनधिकारी को उतार कर मृत राजा के बेटे को गद्दी पर बैठा दे। परिणाम यह हुआ कि भरतपुर- कोट बारूद से उड़ा दिया गया। गढ़ो सर हुई और अधिकारी भरतपुर को गद्दी पर बैठ गया। ७१–लार्ड विलियम बेण्टिङ्क, नवां गवनेर जनरल ( सन् १८२८ ई० से १८३५ ई. तक) १-लार्ड विलियम बेण्टिङ्क बुद्धिमान, दयावान और सुजन गवर्नर था। अपनो सात वर्ष को हुकूमत में उसने भारत- वासियों के साथ हर एक काम किये जो पहिले किसी गवनर ने नहीं किये थे। उस को यह बड़ाई इस कारण मिलो कि देश में कोई दंगा बखेड़ा नहीं था शान्ति का डङ्का बज रहा था। २–पहिला काम जो बेण्टिङ्क ने किया वह रास्तों और सड़कों पर की रक्षा थी। अब मरहठों का समय न था और पिण्डारे भी दब चुके थे। पर डाकुओं और ठगों के झुण्ड के झुण्ड चारों ओर फिर रहे थे। डाकू रास्ते में लूटते थे और ठग बटोहियों का गला घोंट कर मार डालते थे और उनका माल असबाब ले जाते थे।