पृष्ठ:भारतवर्ष का इतिहास 2.pdf/८८

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७८ भारतवर्ष का इतिहास और दफ्तरों को भाषा फ़ारसी थो। अब अगरेज़ भारत में बादशाह हुये तो बेण्टिङ्क ने फ़ारसी की जगह अङ्गरेजी अदालतों और दफ्तरों की भाषा बना दी । ७२-लार्ड विलियम बेण्टिङ्क-सर चार्लस मेटकाफ कायममुकाम गवर्नर जनरल (सन् १८३५ ई० से १८३६ ई० तक) १--गवर्नर जनरल राजाओं का राजा था। इस अधिकार से उसका धर्म था कि देश के राजाओं को आपस को लड़ाई दंगे से रोके और देखता रहे कि यह लोग अपनी प्रजा का शासन अच्छा और अच्छे प्रबन्ध से करते हैं और किसी को दुख नहीं देते। ग्वालियर में दौलत राव सिन्धिया मर गया। उसने कोई बेटा न छोड़ा। उसको बिधवा रानी और दरबार के अमीरों में लड़ाई होने लगी। बेण्टिङ्कने रानो से कहकर जकाजी को गोद लिवा और जब वह सयाना हुआ तो उसको गद्दी देकर राज का अधिकारी कर दिया। मल्हार राव होलकर भी मर गया। उसके भो कोई बेटा न था। उसको रानो ने आप गहो पर बैठना चाहा। परिणाम यह हुआ कि घरेल लड़ाई होने लगो। बेण्टिङ्क ने मल्हार राव के एक नातेदार को जिसे प्रजा बहुत चाहती थी गद्दी पर बैठाकर झगड़ा निपटा दिया। राजपुताने के कई राज्यों में भी बेण्टिङ्क ने यही काम किया। जिस किसी ने अपने अधिकारी राजा से विद्रोह किया उसको दबा दिया। लड़ाई होती तो हजारों मरते पर उसने लड़ाई होने न दो और हजारों के प्राण बचा दिये। दिया।