पृष्ठ:भारतीय प्राचीन लिपिमाला.djvu/१६८

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१४० प्राचीनलिपिमाला .. ई ती. दूसरे से बना. उ. इ. ती. ११ (जुन्नर); चौ. तीसरे से बना; पां. ५६. ए ती. ५२ (कांचीपुरम् का लग्ब ); चौ. ५३ (नंदिवर्मन् का दानपत्र ); पां. ५२ ( परमे- श्वरवर्मन् का दानपत्र ). छ ५४ ओ- दु. ६; ती. ४३ (देखो, सिंहवर्मन् के दानपत्र का औ); चौ ५६. क- ती. ५४ ( उदय दिरम का दानपत्र ); चौ. ५३ (श्रीरंगम् का लग्व); पां. ५६ (गिरिभूपाल का दानपत). ख-दृ. ७; ती. ५३; चौ. ५४ ( उदादिरम् का दानपत्र ). ग-ती. ४५ ( बादामी का लेख ); चौ. ५३; पां. ५ (नंदिवर्मन् का दानपत्र ). घ- ती. ५४, कु ती ५२ (इक' में); चौ ५: ('ग' में ). च - ती. ५२(करम का दानपत्र); चा. ५ (नारसिंगम काले.ग्व); पा ५४(पृथ्वोपनि का दानपत्र) छ- दृ. ६ ती. ४५ (मर्वलोकाश्रय का दानपत्र ): चौ ५३ पां चौथे से बना ज ती. ४३:ची ५० (कांचीपुरम्का लेग्व) पां.चौथे से बना (चलतीकलम मे लिग्वने में): छ ५४. झ ती दसरे मे बना; चौ तीसरं से बना प्र ती. ५० (कांचीपुरम् के लेख के 'ज्ञा में): नं ५२ (करम् के दानपत्र के 'ज' में); गां ५३ (नंदिवर्मन के दानपत्र के 'ज्ञा' में) ट- द. ५४ (नंदिवर्मन का दानपत्र ). मृल ब्राभी के ममान - ती. ५३: चौ. ५४. पां. ५५ (शेविलिमडु का लेग्ब ). द दू४७. नी. ५४. ण-ती. ५२ ( मामल्लपुरम के लेग्ब ). चौ ५ (मावलीपुरम का लेग्त्र ). पां. चौ मे बना त-ती. ५२: चौ ५ थ दृ ११ ( काली के लेग्व), ती. ५० ( कांचीपुरम का लंग्व). चौ. ५२ ( कृग्म का दानपत्र) पां चार्थ से बना द दृ. ५२ (मामल्लपुरम के लेग्व): नी ५% ची ५६ घ ती ४ (पिकिर का दानपत्र ). चौ. (कांनीपुरम का लंग्व) न द १० ( जग्गयपेट के लेग्ब ), नी ५० (करम का दानपत्र ), चौ. ५४ ( पृथ्वीपति का दानपत्र ): पां ५६. प नी. ५४ फ ना.५३; चौ ५६ ( श्रीरंगम का लग्न) व. द. १३, नी १५, चौ. ५ ( कांचीपुरम का लेग्ब ); पां ५ (करम का दानपत्र ) भ दृ ५२ (मामल्लपुरम के लेप): नी. ५ ( कांचीपुरम का लग्ब ): चौ ५ ( करम का दानपत्र ); पां ५६ (श्रीरंगं का लेग्व) म ती ५० (करम का दानपत्र); चौ १४ ( पृथ्वीपनि का दानपत्र ) य दु. ६ (वामिष्ठीपुत्र का लेख ) र चौ ५५ (चिदंबरं का लग्न) ल. द.: ती ५२ (कांचीपुरम का लेग्व); चौ. ५२ (करम का दानपत्र ). व ती. ५० (करम् का दानपत्र ). ची ५४ ( पृथ्वीपनि का दानपत्र ) श नी ५ ( कांचीपुरम के लेग्व के 'शृ' में ); चा ५६; पां ५४(पृथ्वीपनि का दानपत्र ). ष 'ती'५: (नदिवमन का दानपत्र ): ची ५५; प ५६ स दृ १२; नी. ५३ (नंदिवमन का दानपत्र ): ची ५३ (नारसिंगम का लम्ब ); पां ५४ (पृथ्वीपति का दानपत्र ). ह ती. ५२ (करम का दानपत्र ); चौ. नीसंग म बना --दू. ५०; ती ५३; चौ. ५४ (नंदिवर्मन् का दान पत्र ); पां ५५ (उदयोंदिरम का दानपत्र) ,