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सूचीपत्र
लक्ष्मणसेन संवत् | ... | ... | ... | ... | १८४-१८६ |
पुडुवैप्पु संवत् | ... | ... | ... | ... | १८६ |
राज्याभिषेक संवत् | ... | ... | ... | ... | १८६-१८७ |
वाईस्पत्य संवत्सर (१२ वर्ष का) | ... | ... | ... | ... | १८७ |
वाईस्पत्य संवत्सर (६० वर्ष का) | ... | ... | ... | ... | १८७-१८९ |
अहपरिवृत्ति संवत्सर | ... | ... | ... | ... | १८९ |
सौर वर्ष | ... | ... | ... | ... | १८९ |
चांद्रवर्ष | ... | ... | ... | ... | १८९-१९० |
हिजरी सन् | ... | ... | ... | ... | १९०-१९१ |
शाहर (अरबी सूर) सन् | ... | ... | ... | ... | १९१ |
फसली सन् | ... | ... | ... | ... | १९२ |
विलायती सन् | ... | ... | ... | ... | १९२ |
अमली सन | ... | ... | ... | ... | १९२ |
बंगाली सन | ... | ... | ... | ... | १९२-१९३ |
मगि सन् | ... | ... | ... | ... | १९३ |
इलाही सन् | ... | ... | ... | ... | १९३-१९४ |
ईसवी सन् | ... | ... | ... | ... | १९४-१९५ |
परिशिष्ट में दिये हुए मिन्न भिन्न संवतों का ईसवी सन से संबंध | ... | ... | ... | ... | १९६ |
लिपिपत्र १-८४
(ब्राह्मी लिपि-लिपिपत्र १-१५).
लिपिपत्र | पहिला | --मौर्यवंशी राजा अशोक के गिरनार के चटान पर के लेख से |
"" | दूसग | --मौर्यवंशी गजा अशाक के अन्य लखों से |
"" | तीसरा | --गमगढ़. घोसुंडी, बसनगा आदि के लेखों से |
"" | चौथा | --भट्टिमोलु के स्तूप के १० लम्बा से |
"" | पांचवां | --पभीसा और मथुग के लखों से. |
"" | छठा | --कुशन बंशी राजाओं के समय के मथुग. सारनाथ श्रादि के लेखो से |
"" | सातवां | --शक उषवदान और उसकी स्त्री दतामत्रा के नासिक केलखो से |
"" | आठवां | --क्षत्रपवंशी गला कद्रदामन के गिरनार के चटान के लेख से |
"" | नवां | --सातवाहन( बांध )वंशी राजानी के नासिक के लेखों से |
"" | १० वां | --पश्चिमी क्षत्र, त्रैकूटक ओर आंध्रवंशी राजाओं के लिका से. |
"" | ११ वां | --दक्षिण की भिन्न भिन्न गुफाओं के नलों से |
"" | १२ वां | --श्रमगवती भार जग्गयपेट के लखों से |
"" | १३ वां | --मोयिडबोलु से मिल इए पल्लववंशो शिवस्कंदवर्मन् के दानपत्र से. |
"" | १४ वां | --कॉडमुष्टि में मिले हुए राजा जयवर्मन् के दानपत्र से. |
"" | १५ वां | --हीरहरगल्लो से मिल हुए पल्लववंशी राजा शिवस्कंदवर्मन् के दानपत्र से. |
(गुप्त लिपि-लिपिपत्र १६-१७). १६ वां-गुप्तवंशी गजा समुद्रगुप्त के अलाहाबाद के संभ के लेख मे १७ वां--गुप्तो क समय के भिन्न भिन्न लेख और दानपत्रों से. " " (कुटिल लिपि-लि.पपत्र १८-२३) १८वां-जा यशोधर्मन् के समय के मंदसोर के लेख से ११वां-प्राचीन हस्तलिखित पुस्तको तथा लेखादि से. " " .