पृष्ठ:भारतीय प्राचीन लिपिमाला.djvu/२१५

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

श्री वीरशासन जयंती महोत्सव भावलका प्रतिपदा बी. नि.सं. २४६१ ता. १४ जुलाई को मान्यवर! प्रतीवर्स के साथ रचित किया जाता है कि प्रातः स्मरणीय भगवान् महावीर प्रा की जिस दिन पहली रिव्यध्वनि विपुलाचल (राजगृही) के शिखर पर खिरी थी और वीरशासन-सर्वोदय - तीर्थ का प्रवर्तन हुभा था वह पवित्र दिन इस वर्ष भागामी भाषणकपणा प्रतिपदा तारीख १४ जुलाई १६६५६० पुषवार को पा रहा है भगवान महावीर के उपकार स्मरण करने, उनके उपदेशों से शिक्षा और प्रेरणा प्राप्त करने तथा उनके प्रति मकि प्रकट करते हुए एवज्ञता प्रकट करने हेतु स दिन बीर-सेवा- मंदिर ने अपने भवन २१ दरियागंज में प्रातः काल ८ बजे से"श्री वीरशासन जयन्ती महोत्सव मनाने का मायोजन किया है, उत्सव में प्राचार्य भी देशभूषण बी ससंघ पधारेंगे। भाचार्य भीका तथा श्रीमान् पं० जीबंपर जी न्यायतीर्थ पं. बलभद्र बी और पं. प्रकाशचन्द्र जी मादि स्थानीय विद्वानों के भाषण और भजन-गान मादि होंगे। प्रतः मापसे सानुरोध निवेदन है कि माप ठीक समय पर पधार कर अनुगृहीत करें। निवेदक : प्रेमचन्द जैन स. मन्त्री रूप-वासी प्रिटिंग हाउस, २३ दरियापज, दिल्ली में मुद्रित