(डिसलायलटी*[१] का प्रवेश)
सभापति--(आगे से ले आकर बड़े शिष्टाचार से) आप क्यों
यहाँ तशरीफ लाई हैं? कुछ हम लोग सर्कार के विरुद्ध
किसी प्रकार की सम्मति करने को नहीं एकत्र हुए हैं।
हम लोग अपने देश की भलाई करने को एकत्र हुए हैं।
डिसलायलटी--नहीं, नहीं, तुम सब सर्कार के विरुद्ध एकत्र हुए
हो, हम तुमको पकड़ेंगे।
बंगाली--(आगे बढ़कर क्रोध से) काहे को पकड़ेगा, कानून
कोई वस्तु नहीं है। सर्कार के विरुद्ध कौन बात हम लोग
बोला? व्यर्थ का विभीषिका!
डिस--हम क्या करें, गवर्नमेंट की पालिसी यही है। कवि-
वचनसुधा नामक पत्र में गवर्नमेंट के विरुद्ध कौन बात
थी? फिर क्यो उसके पकड़ने को हम भेजे गए? हम
लाचार हैं।
दू० देशी--(टेबुल के नीचे से रोकर) हम नहीं, हम नहीं, हम
तमाशा देखने आए थे।
महा०--हाय-हाय ! यहाँ के लोग बड़े भीरु और कापुरुष हैं।
इसमें भय की कौन बात है ! कानूनी है।
सभा०--तो पकड़ने का आपको किस कानून से अधिकार है?
- ↑ * पुलिस की वर्दी पहिने।