पृष्ठ:भारतेंदु नाटकावली.djvu/६२५

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नीलदेवी

मंत्री। हम प्रजा। और कौन? मार मार मार। तलवार तलवार। टूट गई टूटी। टूटी से मार। ढेले से मार। हाथ से मार। मुक्का जूता लात लाठी सोटा ईंटा पत्थर-पानी सबसे मार। हम राजा हमारा देश हमारा भेस हमारा पेड़-पत्ता कपड़ा-लत्ता छाता-जूता सब हमारा। ले चला ले चला। मार मार मार––जाय न जाय न––सूरज में जाय चंद्रमा में जाय तारा में जाय उतारा में जाय पारा में जाय जहाँ जाय वहीं पकड़––मार मार मार। मींयाँ मींयाँ मींयाँ चींयाँ चींयाँ चींयाँ। अल्ला अल्ला अल्ला हल्ला हल्ला हल्ला। मार मार मार। लोहे के नाती की दुम से मार। पहाड़ की स्त्री के दीए से मार––मार मार––अंड का बंड का संड का खंड––धूप छाँह चना मोती अगहन पूस माघ कपड़ा लत्ता डोम चमार मार मार। ईंट की आँख में हाथी का बान––बंदर की थैली में चूने की कमान––मार मार मार––एक एक एक मिल मिल मिल छिप छिप छिप––खुल खुल खुल––मार मार मार––

(एक मियाँ को आता देखकर)

मार मार मार––मुसल मुसल मुसल––मान मान मान––सलाम सलाम सलाम कि मार मार मार––नबी नबी नबी––सबी सबी सबी––ऊँट के अंडे की चरबी का खर। कागज के धप्पे कर सप्पे की सर––मार मार मार।