(एक नौकर आता है)
नौकर––खुदावंद निआमत! एक परदेस की गानेवाली बहुत ही अच्छी खेमे के दरवाजे पर हाजिर है। वह चाहती है कि हुजूर को कुछ अपना करतब दिखलाए। जो इरशाद हो बजा लाऊँ।
अमीर––जरूर लाओ। कहो साज मिलाकर जल्द हाजिर हो।
नौकर––जो इरशाद। [जाता है
अमीर––आज के जशन का हाल सुनकर दूर-दूर से नाचने-गानेवाले चले आते हैं।
मुसाहिब––बजा इरशाद है, और उनको इनआम भी तो बहुत जियादः मिलता है, न क्यो आवें?
(चार समाजियों के साथ एक गायिका का प्रवेश)
अमीर––(आप ही आप) यह तायफा तो बहुत ही खूबसूरत है! (प्रगट) तुम्हारा क्या नाम है? (मद्यपान)
गायिका––मेरा नाम चंडिका है। मैं बड़ी दूर से आपका नाम सुनकर आती हूँ।
अमीर––बहुत अच्छी बात है। जल्द गाना शुरू करो। तुम्हारा गाना सुनने को मेरा इश्तियाक हर लहजे बढ़ता जाता है। जैसी तुम खूबसूरत हो वैसा ही तुम्हारा गाना भी खूबसूरत होगा। (मद्यपान)