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भारतेंदु-नाटकावली

चूरन खावै एडिटर जात। जिनके पेट पचै नहिं बात॥
चूरन साहेब लोग जो खाता। सारा हिंद हजम कर जाता॥
चूरन पूलिसवाले खाते। सब कानून हजम कर जाते॥
ले चूरन का ढेर, बेचा टके सेर।

मछलीवाली––मछरी ले मछरी।

मछरिया एक टके कै बिकाय।
लाख टका कै बाला जोबन, गॉहक सब ललचाय॥
नैन-मछरिया रूप-जाल में, देखत ही फँसि जाय।
बिनु पानी मछरी सो बिरहिया, मिले बिना अकुलाय॥

जातवाला (ब्राह्मण)––जात ले जात, टके सेर जात। एक टका दो, हम अभी अपनी जात बेचते है। टके के वास्ते ब्राह्मण से धोबी हो जायँ और धोबी को ब्राह्मण कर दें, टके के वास्ते जैसी कहो वैसी व्यवस्था दें। टके के वास्ते झूठ को सच करें। टके के वास्ते ब्राह्मण से मुसलमान, टके के वास्ते हिंदू से क्रिस्तान। टके के वास्ते धर्म और प्रतिष्ठा दोनों बेचें, टके के वास्ते झूठी गवाही दें। टके के वास्ते पाप को पुण्य माने, टके के वास्ते नीच को भी पितामह बनायें। वेद धर्म कुल-मरदी सचाई-बड़ाई सब टके सेर। लुटाय दिया अनमोल माल। ले टके सेर।

बनियाँ––आटा दाल लकड़ी नमक घी चीनी मसाला चावल ले टके सेर।