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पृष्ठ:भारतेंदु नाटकावली.djvu/७१२

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मेघाक्ष--पारस का राजा--(मु० रा०)

यमराज--देवता--(स०प्र०)

राक्षस--नंदवंश का मंत्री--(मु० रा०)

राजसेन--सेवक--(मु० रा०)

रामचंद्र--रईस--(प्रे० यो०)

रामभट्ट--(प्रे० यो०)

रोग--(भा० दु०)

रोहिताश्व--राजा हरिश्चंद्र का पुत्र--(स०ह०)

ललिता--सखी--(चं०)

लवंगी--सखी--(चं०)

वनदेवी--सखी--(चं०)

वनितादास--वैष्णव--(प्रे० यो०)

वर्षा--सखी--(चं०)

वल्लभा--सखी--(चं०)

वसंत--सूर्यदेव का पागल बना नौकर--(नी० दे०)

विजयपाल--किलेदार--(मु० रा०)

विजयवर्मा--सेवक--(मु० रा०)

विद्याधर--(ध० वि०)

विराट--मत्स्य देश का राजा--(ध० वि०)

विराधगुप्त--गुप्तचर--(मु० रा०)